लता मंगेशकर की गायी हुई ये गजल जब भी सुनता हूँ तो सीने में एक चूभन सी होती हैं...
दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह
फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह
मैने तुझसे चांद-सितारे कब माँगे
रोशन दिल बेदार नजर दे या अल्लाह
सूरज सी एक चीज तो हम सब देख चूके
सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह
या धरती के जख़्मों पर मरहम रख दे
या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह
दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह
फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह
मैने तुझसे चांद-सितारे कब माँगे
रोशन दिल बेदार नजर दे या अल्लाह
सूरज सी एक चीज तो हम सब देख चूके
सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह
या धरती के जख़्मों पर मरहम रख दे
या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह
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